हसीब जमाल की ग़ज़लें
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1989 | इस्लामाबाद, पाकिस्तान
इस्लामाबाद के युवा कवि जिनकी शाइ'री सुंदरता , प्रेम , सूफीवाद और नैतिक शिक्षाओं से भी भरपूर है।
इस्लामाबाद के युवा कवि जिनकी शाइ'री सुंदरता , प्रेम , सूफीवाद और नैतिक शिक्षाओं से भी भरपूर है।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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