संपूर्ण
ई-पुस्तक4
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परिचय
कलाम1
कलाम1
ब्लॉग9
फ़ारसी कलाम8
फ़ारसी कलाम8
फ़ारसी सूफ़ी काव्य1
फ़ारसी सूफ़ी काव्य1
सूफ़ी पत्र7
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सूफ़ी उद्धरण150
सूफ़ी उद्धरण150
मल्फ़ूज़5
मल्फ़ूज़5
ना'त-ओ-मनक़बत1
ना'त-ओ-मनक़बत1
क़िता'1
क़िता'1
ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ का फ़ारसी सूफ़ी काव्य
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere