मोहम्मद फ़तह का परिचय
इनका तख़ल्लुस 'फ़त्ह' था। गोधरे के रहने वाले थे और मुहम्मद अमीन गुजराती के समकालीन थे। इन्होंने अपनी मसनवी 'यूसुफ़़ जुलेख़ा' ई. 1693 में लिखी। फतह ने यूसुफ़ जुलेख़ा लिखने की इच्छा अपने मित्रों के समाने रखी, ये सुनकर मुहम्मद अमीन ने फ़तह से कहा कि मैंने यूसुफ़ जुलेख़ा लिखी है, तुम इस विषय में न लिखकर अन्य विषय पर लिखो।
इसके बाद फ़तह ने अन्य विषय पर आधारित अपनी मसनवी यूसुफ़़-सानी लिखी। इसमें चीन की शहजादी और एक शहजादे के सवाल जवाब के माध्यस से इस्लाम के नीति-नियमों को समझाया गया है।