नुसरती का परिचय
औरंगजेब की दकन विजय के समय मौजूद थे। अपने अलीनामा में मुगलों के साथ युद्ध का भी वर्णन किया है। नुसरती जहाँ 'मनोहर-मधुमालती' के वृत्तांत को 'गुलशन-ए-इश्क़' के नाम से लिखकर श्रृंगारी तथा नौ कसीदे उसे वीर रस के कवि सिद्ध करते हैं। उसका परिवार दक्षिण के महान सन्त ख्वाजा बंदानवाज़ गेसूदराज़ का अनुयायी था। नुसरती दकिनी हिंदी का महान कवि है।