Sufinama
noImage

शाइक़ वारसी

बाराबांकी, भारत

हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद और फ़ारसी के क़ादिरुल-कलाम शाइ’र

हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद और फ़ारसी के क़ादिरुल-कलाम शाइ’र

शाइक़ वारसी का परिचय

उपनाम : 'शाइक़'

मूल नाम : ख़ुदा बख़्श

जन्म :दरियाबाद, उत्तर प्रदेश

निधन : उत्तर प्रदेश, भारत

संबंधी : हाजी वारिस अली शाह (मुरीद)

मुंशी ख़ुदा-बख़्श शाइक़ दरियाबादी हाजी वारिस अ’ली शाह के निहायत फ़र्मां-बरदार और लाएक़ मुरीद थे। उनका शुमार देवा के मा’रूफ़ सूफ़ी शो’रा में होता है। शाइक़ की पैदाइश दरियाबाद में हुई मगर उनका ज़्यादा-तर क़याम बाराबंकी के पिंड नाम की जगह पर रहा करता था। ज़िंदगी का बेशतर वक़्त यहीं गुज़रा और ज़िंदगी के आख़िरी अय्याम तक यहीं रहे। शाइक़ वारसी की किताब 1890 ई’स्वी में “तुह्फ़तुस्सुफ़िया” के नाम से ब-ज़बान-ए-फ़ारसी हाजी वारिस अ’ली की ख़्वाहिश के मुवाफ़िक़ शाए’ हुई। मुंशी ख़ुदा-बख़्श शाइक़ दरयाबादी का विसाल बाराबंकी के पिंड नामी जगह पर हुआ। वहीं उनका मज़ार भी है। शाइक़ क़ादिरुल-कलाम शाइ’र थे। उनका दीवान “दीवान-ए-शौक़” के नाम से बेहतरीन याद-गार है। उन्हों ने अपनी इस किताब में अपने जज़्बात को अश्आ’र की शक्ल में पेश किया है। इस में फ़ारसी ज़बान में इ’र्फ़ानी ग़ज़लें और मस्नवियाँ हैं।

संबंधित टैग

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए