शाद अज़ीमाबादी के अशआर
तिरे मजबूर की आँखों से जब आँसू बहे होंगे
तो हर आँसू का क़तरा बढ़ के दरिया हो गया होगा
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टैग : आँसू
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere