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Shah Niyaz Ahmad Barelvi's Photo'

शाह नियाज़ अहमद बरेलवी

1775 - 1834 | बरेली, भारत

हिन्द-ओ-पाक के मा’रूफ़ रुहानी शाइ’र

हिन्द-ओ-पाक के मा’रूफ़ रुहानी शाइ’र

शाह नियाज़ अहमद बरेलवी के सूफ़ी उद्धरण

मौत का वक़्त बहुत सख़्त है। इस की मिसाल ऐसी है, जैसे किसी काँटेदार पेड़ पर कपड़ा डाल कर खींचा जाए और वह तार-तार हो जाता है। यही हालत रूह की है, जब निकलती है तो हर रग खिंच जाती है।

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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