Font by Mehr Nastaliq Web
Sufinama
Shah Niyaz Ahmad Barelvi's Photo'

शाह नियाज़ अहमद बरेलवी

1775 - 1834 | बरेली, भारत

हिन्द-ओ-पाक के मा’रूफ़ रुहानी शाइ’र

हिन्द-ओ-पाक के मा’रूफ़ रुहानी शाइ’र

शाह नियाज़ अहमद बरेलवी

ग़ज़ल 27

शे'र 21

कलाम 13

फ़ारसी कलाम 44

होरी 17

ना'त-ओ-मनक़बत 2

 

बसंत 3

 

पुस्तकें 5

 

वीडियो 70

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
अन्य वीडियो

आबिदा परवीन

फरीद अयाज़

ताहिर अली, माहिर अली

ताहिर अली, माहिर अली

ख़ानक़ाह-ए-चिश्त में जिस ने क़दम पहला रखा

सूफ़ी नियाज़ी महफ़िल

जो हैं आश्ना सिर्र-ए-असरार के

ज़िला ख़ान

ब-देह दस्त-ए-यक़ीं ऐ दिल ब-दस्त-ए-शाह-ए-जीलानी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मुझे बे-ख़ुदी ये तू ने भली चाशनी चखाई

आबिदा परवीन

यार को हम ने जा-ब-जा देखा

आबिदा परवीन

हम को याँ दर-दर फिराया यार ने

आबिदा परवीन

होरी होय रही अहमद जियो के द्वार

आबिदा परवीन

अ'ली वारिस वारसी

सुबहान अहमद निज़ामी

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

सुबहान अहमद निज़ामी

इमरान अ'ब्बास

आबिदा परवीन

मुकर्रम अ'ली वारसी

फरीद अयाज़

अ'ली वारिस वारसी

अफ़्साना मेरे दर्द का उस यार से कह दो

अफ़्साना मेरे दर्द का उस यार से कह दो

मुकर्रम अ'ली वारसी

अफ़्साना मेरे दर्द का उस यार से कह दो

अनवर हुसैन नियाज़ी

अफ़्साना मेरे दर्द का उस यार से कह दो

ताहिर अली, माहिर अली

इश्क़ में तेरे कोह-ए-ग़म सर पे लिया जो हो सो हो

इश्क़ में तेरे कोह-ए-ग़म सर पे लिया जो हो सो हो

आबिदा परवीन

ऐ दिल कहीं न जाइयो ज़िन्हार देखना

ऐ दिल ब-गीर दामन-ए-सुल्तान-ए-औलिया

ग़ौस मुहम्मद नासिर

ऐ दिल ब-गीर दामन-ए-सुल्तान-ए-औलिया

ऐ दिल ब-गीर दामन-ए-सुल्तान-ए-औलिया

फरीद अयाज़

ऐ दिल ब-गीर दामन-ए-सुल्तान-ए-औलिया

ऐ दिल ब-गीर दामन-ए-सुल्तान-ए-औलिया

फरीद अयाज़

ऐ दिल ब-गीर दामन-ए-सुल्तान-ए-औलिया

साबरी ब्रदर्स

ऐ दिल ब-गीर दामन-ए-सुल्तान-ए-औलिया

ताहिर अली, माहिर अली

ऐ दिल ब-गीर दामन-ए-सुल्तान-ए-औलिया

फरीद अयाज़

काफ़िर-ए-’इश्क़ हूँ मैं बंदा-ए-इस्लाम नहीं

काफ़िर-ए-’इश्क़ हूँ मैं बंदा-ए-इस्लाम नहीं

मेराज अहमद निज़ामी

काफ़िर-ए-’इश्क़ हूँ मैं बंदा-ए-इस्लाम नहीं

समी अज़ाद

काफ़िर-ए-’इश्क़ हूँ मैं बंदा-ए-इस्लाम नहीं

काफ़िर-ए-’इश्क़ हूँ मैं बंदा-ए-इस्लाम नहीं

काफ़िर-ए-’इश्क़ हूँ मैं बंदा-ए-इस्लाम नहीं

ताहिर अली, माहिर अली

काफ़िर-ए-’इश्क़ हूँ मैं बंदा-ए-इस्लाम नहीं

काफ़िर-ए-’इश्क़ हूँ मैं बंदा-ए-इस्लाम नहीं

आबिदा परवीन मीरा

ख़्वाजः-ए-ख़्वाजगाँ मुई’नुद्दीन

वारसी ब्रदर्स

ख़्वाजः-ए-ख़्वाजगाँ मुई’नुद्दीन

शाहिद नियाज़ी

ख़्वाजः-ए-ख़्वाजगाँ मुई’नुद्दीन

सरफ़राज़ चिश्ती

ख़्वाजः-ए-ख़्वाजगाँ मुई’नुद्दीन

छोड़ो मुझे बे-ख़ुद मेरा आराम यही है

दिला ख़ाक-ए-रह-ए-कू-ए-मोहम्मद शौ मोहम्मद शौ

दिला दस्त-ए-तलब ब-कुशा ब-दरगाह-ए-शहंशाहे

अ'ब्दुल हफ़ीज़ आरफ़ी

नीस्ती हस्ती है यारो और हस्ती कुछ नहीं

युसुफ़ चरी

मा'मूर हो रहा है आ'लम में नूर तेरा

चांद नियाज़ी

मा'मूर हो रहा है आ'लम में नूर तेरा

वसीम साबरी

मा'मूर हो रहा है आ'लम में नूर तेरा

साबरी ब्रदर्स

मा'मूर हो रहा है आ'लम में नूर तेरा

हबीब अहमद नियाज़ी

यार को हम ने जा-ब-जा देखा

अमजद साबरी

यार को हम ने जा-ब-जा देखा

यार को हम ने जा-ब-जा देखा

आबिदा परवीन

यार को हम ने जा-ब-जा देखा

अ'ज़ीज़ मियां

रफ़्तम अंदर तह-ए-ख़ाक उंस-ए-बुतानम बाक़ीस्त

सुबहान अहमद निज़ामी

रफ़्तम अंदर तह-ए-ख़ाक उंस-ए-बुतानम बाक़ीस्त

हाजी महबूब अ'ली

रफ़्तम अंदर तह-ए-ख़ाक उंस-ए-बुतानम बाक़ीस्त

रफ़्तम अंदर तह-ए-ख़ाक उंस-ए-बुतानम बाक़ीस्त

हम को याँ दर-दर फिराया यार ने

ताहिर अली, माहिर अली

हम को याँ दर-दर फिराया यार ने

राहिल फ़ारूक़

हम को याँ दर-दर फिराया यार ने

ताहिर अली, माहिर अली

संबंधित ब्लॉग

 

संबंधित सुफ़ी शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए