शालीग्राम
पद 22
साखी 3
चुपके चुपके बैठकर, करो नाम की याद।
दया मेहर से पाइयो, तुम सतगुरु परसाद।।
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
जो सुख नहिं तू दे सके, तो दुख काहू मत दे।
ऐसी रहनी जो रहे, सोई शब्द रस ले।।
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
पिया मेरे और मैं पिया की, कुछ भेद न जानो कोई।
जो कुछ होय सो मौज से होई, पिया समरथ करें सोई।।
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए