शौकत वारसी का परिचय
अस्ल नाम मुहम्मद शौकत अ’ली है। आपके वालिद का नाम अ’ब्दुर्रशीद था। कलकत्ता में पैदा हुए और वहीं क़याम-पज़ीर रहे। मदरसा दारुल-क़ुरआन, कल्कत्ता में तहसील-ए-इ’ल्म किया और दर्स-ओ-तदरीस का सिलसिला शुरूअ’ किया। आपको फ़न-ए-हिफ़्ज़-ओ-किराअत का भी शौक़ था। दौरान-ए-ता’लीम ही रुबाई’यात और मंक़बत लिखने का हौसला दिल में मौजज़न था। तालिब-इ’ल्मी के अ’हद से ही लिखने का सिलसिला शुरूअ’ हो गया था। हबीब हाश्मी से इस्लाह-ए-सुख़न लेते थे। शौकत वारसी ने ना’त-ए-पाक कही है। एक शे’र मुलाहिज़ा हो। उन्हीं के फ़ैज़-ओ-करम के सदक़े मिले हैं शे’र-ओ-सुख़न के तोहफ़े उन्हीं के दम से ये शान-ओ-शौकत बनी हुई है, बनी रहेगी शौकत का रंग सूफ़ियाना है|