शेख़ अहमद खट्टू का परिचय
शेख़़ अहमद खट्टू| दिल्ली के किसी रईस के बेटे थे। परिस्थितिवश इनकी परवरिश एक जुलाहे के घर में हुई थी। वहाँ से उन्हें एक सूफ़ी बाबा जीव (अहमद शेख़़ इस्हाफ़ मग़रबी) खट्टू ले आये। इसलिए उनका नाम शेख़़ अहमद खट्ट पड़ गया। बाबा जीव की इन्होंने बड़ी सेवा की। उन्हीं की देखरेख में ये सख़्त इबादत करते रहे। 1398 ई. में ये पाटण (गुजरात) आये और सुल्तान मुजफ्फर शाह (प्रथम) के निमंत्रण पर अहमदाबाद के पास सरखेज़ में बस गए। इन पर मुरीदों ने एक किताब लिखी- मिरकातुलवुसूल। इसमें इनके लिखे गूजरी-दोहे संकलित है। शेख़ अहमद खट्टू निर्विवाद रूप से गूजरी के प्रथम कवि माने जाते हैं।