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शैख़ बदीउद्दीन मदार

कानपुर, भारत

शैख़ बदीउद्दीन मदार के सूफ़ी उद्धरण

इंसान पर ख़ुदा की ज़ात का साया है और काबे पर ख़ुदा की सिफ़ात का।

ख़ुदा की ज़ात और सिफ़ात के हिसाब से अपनी आदतें बनानी चाहिए।

सच्चा साधक वो है, जो चाहे कि आसमान पर चला जाऊँ।

दिल की हिफ़ाज़त करो।

याद रखो! खाना-पीना, सोना, मोटापा, ग़ुस्सा करना ये जानवरों की आदतें हैं और धोखा देना, फ़साद करना ये शैतानी आदतें हैं। अगर तुम इन आदतों के ग़ुलाम बनोगे, तो ख़ुदा की पहचान नहीं कर सकोगे। तुम्हें चाहिए कि इन बुरी आदतों से बाहर निकलकर फ़रिश्तों के गुण अपनाओ।

एकत्व- बिंदु से अधिक नहीं है।

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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