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शैख़ दीन

शैख़ दीन का परिचय

इनका नाम अजीमुद्दीन और पिता का नाम काज़ी शेख़़ मुहम्मद बिन काज़ी मुस्तफ़ा था। इनके पूर्वज महमूद ग़ज़नवी के साथ सोमनाथ पट्टन आए थें और वहीं बस गये। आख़िरी दिनों में शेख़़ दीन मांगरोल (सौराष्ट्र) चले गए और वहीं अपनी आख़िरी सांसें ली।
शेख़दीन 'क़िस्सा काली गौरी' और 'क़िस्सा मांगरोली शाह' 1776 ई. में मसनवी के रूप में तर्तीब किया। ये मसनवियाँ मुसद्दस शैली में लिखी गयी हैं। इन्होंने शाह आलम की प्रशंसा में एक मुनाज़ात भी लिखी है।

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