इनके पिता का नाम राजसिंह था। राजसिंह जी रूपनगर और कृष्णनगर के राजा थे। इनका विवाह राघवगढ़ के उत्तराधिकारी बलदेव सिंह के साथ हुआ था। इनकी कई रचनाएँ मिलती हैं- (1) रस पुंज, (2) गोपी माहात्म्य, (3) प्रेम संपुट, (4) भावना प्रकाश, (5) नेह विधि रचना, (6) संकेत युगल, (7) राग झर, (8) राम रहस्य, (9) वृंदावन गोपी रहस्य और (10) सार संग्रह।