सय्यद नूरुद्दीन सतगुरु का परिचय
ईरान के बेलम शहर के निवासी। पाटण (गुजरात) में राजा जयसिंह (ई. 1095-1143) के ज़माने में आये थे। अरबी, फ़ारसी और संस्कृत भाषाओं पर महारत हासिल थी। वेद और योग का सार तसव्वुफ़ के रंग में रंगकर गूजरी जबान में पद, मजन एवं दोहों में कहा है। सतगुरु की बानी इनके अनुयायियों में 'सतपंथी रसाइल' के नाम से प्रसिद्ध है।