शेख़़ दाऊद ज़ईफी गोलकुंडा के अंतिम दिनों का कवि है। इसकी दो रचनाएँ 'हिदायात-ए-हिंदी' (1689) और 'इश्क सादिक' (मसनवी) उपलब्ध है। जिनपर शायरी से ज्यादा धार्मिकता की छाप है। इन ग्रंथों को लिखते समय दकन के मुसलमानी राज्य मुगल साम्राज्य में विलीन हो चुके थे।