आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "सच्चाई"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "सच्चाई"
अन्य परिणाम "सच्चाई"
ना'त-ओ-मनक़बत
नोक-ए-नेज़ा पर तुम्हारा आयतें पढ़ना हुसैनकर गया सच्चाई के आईन को ज़िंदा हुसैन
ख़ालिद नदीम बदायूँनी
ग़ज़ल
आख़िरी सच्चाई की मंज़िल है सब के सामनेसब की राहें मुख़्तलिफ़ हैं सब का जज़्बा एक है
अहमद नदीम क़ासमी
नज़्म
मेरा रसूल
जिस की सच्चाई ने बातिल के शह-ज़ोर पछाड़ेजिस ने तेज़ हवाओं के सीने पर खे़मे गाड़े
मुज़फ़्फ़र वारसी
ना'त-ओ-मनक़बत
घूम लो दुनिया 'ज़िया' तुम देख लो सच्चाई कोउस के ताबे' सब हैं जो है ताबे’-दार-ए-फ़ातिमा
डाॅ. रऊफ़ ज़िया
सलाम
सलाम उस पर जो सच्चाई की ख़ातिर दुख उठाता थासलाम उस पर जो भूका रह के औरों को खिलाता था
माहिरुल क़ादरी
व्यंग्य
मुल्ला नसरुद्दीन- तीसरी दास्तान
उमीद थी कि वह वक़्त भी आयेगा जब इंसान अपनी ज़िन्दगी के निज़ाम को बदलेगा और
लियोनिद सोलोवयेव
सूफ़ी लेख
मिस्टिक लिपिस्टिक और मीरा
स्वीडिनबोर्ग शौपेनहौर आदि मिस्टिक व दार्शनिक योरप में देश देश में हुए हैं। धर्म और संसार
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी कहानी
कहानी -16-राजनीति- गुलिस्तान-ए-सा’दी
'बेशक तुझमें होशियारी, दूर-अन्देशी, सच्चाई और ईमानदारी जैसे सब गुण हैं, लेकिन जलने वाले दुश्मन तो
सादी शीराज़ी
सूफ़ी पत्र
मक्तूब नंबर 1
मैं इस बात की गवाही देता हूँ कि अल्लाह तआ’ला के सिवा… और कोई मा’बूद नहीं…