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सूफ़ी लेख
कदर पिया- श्री गोपालचंद्र सिंह, एम. ए., एल. एल. बी., विशारद
इश्क का जिसने दम मारा समझो उसने झख मारा। (मछली)
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
हिन्दी साहित्य में लोकतत्व की परंपरा और कबीर- डा. सत्येन्द्र
जल में सिंध जु घर करै, मछली चढ़ै खजूरि सुरति ढीकुली, लेज ल्यौ, मन चित ढोलन हार
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
Malangs of India
दीवानगान सिलसिला कभी हिंदुस्तान के सबसे अमीर सिलसिलों में शुमार होता था. इस सिलसिले के पास
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
जिन नैनन में पी बसे दूजा कौन समाय
हज़रत ने फरमाया- तुम अभी जवान हो। तुम्हें हमेशा अपने आप को गर्व और मिथ्याभिमान से
सुमन मिश्रा
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लखनऊ का सफ़रनामा
ये आगरा के ताजमहल की तर्ज़ पर बनाया गया हिन्दी और ईरानी नक़्शा है ।इस में
रय्यान अबुलउलाई
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संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
बिरला सत पद परसी लो।।4।।ऐसी दशा में सिवाय इस के कि उस का स्वयं अनुभव कर
हिंदुस्तानी पत्रिका
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संत साहित्य
बिरला सत पद परसी लो।।4।।ऐसी दशा में सिवाय इस के कि उस का स्वयं अनुभव कर
परशुराम चतुर्वेदी
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उदासी संत रैदास जी- श्रीयुत परशुराम चतुर्वेदी, एम. ए., एल-एल. बी.
खड खड करि भोजनु कीनो तऊ न बिसरउ पानी।।अर्थात् हे भगवान् यद्यपि मैं मोह-बंधन द्वारा जकड़ा
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
जौनपुर की सूफ़ी परंपरा
शर्क़ी शासन जौनपुर का स्वर्ण युग था. विद्यापति ने कीर्तिलता में इब्राहीम शाह शर्क़ी और जौनपुर
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
कबीर जीवन-खण्ड- लेखक पं. शिवमंगल पाण्डेय, बी. ए., विशारद
प्रत्येक मनुष्य, जिसका आचरण शुद्ध और जीवन आध्यात्मिक तथा पुण्यमय हो, महंत हो सकता है। यह