ग़ुलाम नक्शबंद सज्जाद का परिचय
आपका नाम शरीफ़ ग़ुलाम नक़्शबंद और निसबत क़लंदर है और आपका तख़ल्लुस सज्जाद है। आपके वालिद इमादुद्दीन क़लंदर सूबा बिहार के बड़े बुज़ुर्ग हैं। ग़ुलाम नक़्शबंद सज्जाद का जन्म 1116 हि. मुताबिक़ 1704 ई. अहद-ए-औरंगज़ेब के आख़ीर अहद में फुलवारी में हुआ। आठ साल की ही उम्र में अपने पिता के छाया से महरूम हो गए। उनके पिता के चालिसवें के दिन ही मुजीबुल्लाह जो आपके वालिद के मामूं-ज़ाद भाई और मुरीद-ओ-ख़लीफ़ा थे आपके वालिद की सज्जादगी गद्दी पर बिठाया और आपसे बैअत कर ली। उसके बाद उन्होंने उनके तालीम-ए-ज़ाहिरी और बातिनी का अच्छा इंतिज़ाम किया और उसमें उनको मशग़ूल कर दिया। हज़रत मुजीबुल्लाह ने सिर्फ उनकी मुरीदी ही इख़तियार नहीं की बल्कि उनको अपनी दामाद भी बनाया था। 1173 हि. मुताबिक़ 1759 ई. में अपने प्राण त्याग दिये। फ़ुलवारी शरीफ़ में अपने पिता की क़ब्र के पास ही दफ़न हुए उनका मज़ार-ए-मुबारक हर ख़ास-ओ-आम की ज़ियारतगाह बना हुआ है।
हज़रत ‘सज्जाद’ ने फ़ारसी और उर्दू दोनों ज़बानों में शेर-ओ-शाइरी लिखी है। सूबा बिहार में उर्दू शाइरी की हैसियत से और ख़ुसूसीयत से सूफ़ी शाइर की हैसियत से मुमताज़ हैं।