Font by Mehr Nastaliq Web
Sufinama
noImage

अब्दुर्रहमान

दिल्ली, भारत

अब्दुर्रहमान

दोहा 6

बारी बारी बैस में वारी सौति श्रृंगार

हारी हारी करत है हारी हेरत हार

चुनी चुनी पहरी सुरंग चुनी सौति दल कीन

बनी बनी रस सो सरस तना तनी कुच पीन

नर राची मेंना लखी तू कित लिख्यो सुजान

पढ़ कुरान भौरा भयो सुन राच्यो ‘रहमान’

पलकन में राखौ पियहि पलकन छाड़ौ संग

पुतरी सो तै होहि जिन डरपत अपने अंग

बानी बानी देत शुभ जस बाती तस रीति

‘रहैमान’ ताको तबै रहैमान चित प्रीति

"दिल्ली" के और शायर

Recitation

बोलिए