जगजीवन साहेब का परिचय
सरहदा गाँव जो बाराबांकी के जिले में सरयू नदीं के किनारे कोटवा से दो कोस की दूरी पर है में जन्म लिया था। जॉन टामस ने अपने लेख में लिखा है कि जगजीवन साहब ने सत्तनामी मत को चलाया और विक्रमी संवत् 1817 (1761 ई.) में ज्ञान प्रकाश नामक ग्रंथ लिखा। इनके गुरु बुल्ला साहब थे और इनके गुरुमुख शिष्य दुलनदास जी थे। प्रमुख रचनाएं- (1) ज्ञान प्रकाश, (2) महाप्रलय और (3) शब्द सागर।