Font by Mehr Nastaliq Web
Sufinama
noImage

कैफ़ी वारसी

1923 - 1993 | भोजपुर, भारत

होम्योपैथिक के माहिर

होम्योपैथिक के माहिर

कैफ़ी वारसी का परिचय

उपनाम : 'कैफ़ी'

मूल नाम : मुहम्मद मंसूर आ’लम

जन्म : 01 Oct 1923 | बक्सर, बिहार

निधन : बिहार, भारत

मुहम्मद मंसूर आ’लम नाम और कैफ़ी तख़ल्लुस था। 31 अक्तूबर 1923 ई’स्वी में बक्सर में पैदा हुए। इब्तिदाई और हाई स्कूल की ता’लीम मुकम्मल करके पटना चले गए और होमियोपैथिक कॉलेज, पटना से ऐच. एम.बी एस की डिग्री हासिल की और फिर बक्सर चले आए। घर पर ही प्रैक्टिस करते रहे। कैफ़ी वारसी ने होम्यो पैथिक के तरीक़ा-ए-इ’लाज और दवाओं पर कई किताबें लिखी हैं। 1993 ई’स्वी में बक्सर में ही इंतिक़ाल किया और वहीं दफ़्न भी हुए। कैफ़ी का जगदीशपुर से काफ़ी गहरा लगाव था। जगदीशपुर के एक मा’रूफ़ शाइ’र मुहम्मद मूसा कलीम वारसी से दोस्ती थी। जिसकी वजह से उनका क़याम भी जगदीशपुर में ही रहता था। कलीम वारसी की सोहबत ने कैफ़ी को शाइ’री की तरफ़ माइल किया। ये शौक़ तो कैफ़ी का पुराना था मगर उस में जिला कलीम वारसी ने डाली और उसके बा’द जगदीशपुर और आरा की अदबी महाफ़िल में शिर्कत करने लगे। कैफ़ी मुशाइ’रों में भी शिर्कत भी करते थे।

संबंधित टैग

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए