Font by Mehr Nastaliq Web
noImage

ख़्वाजा नक़ीबुल्लाह

1189 - 1995 | क़सूर, पाकिस्तान

ख़्वाजा नक़ीबुल्लाह के सूफ़ी उद्धरण

श्रेणीबद्ध करें

बिना किसी पीर के, अज्ञान की नींद से जागना मुश्किल है।

जो पीर से दूर हो गया, वो उस को खा गया।

जो थोड़े पर राज़ी हो गया, उस का पेट भर गया।

तसव्वुफ़ के रास्ते में संयम के अलावा और कोई सामान ज़रूरी नहीं।

बेकार कामों और बेकार बातों को छोड़ देना बहुत ज़रूरी है।

कर्म नीयत पर निर्भर है और जैसी नीयत वैसा ही परिणाम मिलता है।

अपना बोझ मुरीदों या दूसरों पर मत डालो। चाहे काम कम हो या ज़्यादा, ख़ुद मेहनत करो और लोगों की ख़िदमत करो, इसी में महानता है।

जितनी ज़्यादा पीर की पकड़ मज़बूत होगी, उतना ही फ़ायदा होगा।

कम बोलना और कम खाना। जिस ने ख़ामोशी अपनाई, उस ने ख़ुदा की राह पाई।

زندگی سراپا بندگی ہے کھاتے پیتے بیٹھتے چلتے پھرتے غرض کہ زندگی کے ہر ایک کام میں خدا کو یاد رکھو۔

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

Recitation

बोलिए