मंज़र काकवी का परिचय
आपकी पैदाइश शाह टोली, दानापुर में 17 रमज़ान यौम-ए-दो-शंबा 1324 हिज्री को हुई। आपका नाम अ’ब्दुर्रहमान और तारीख़ी नाम मंज़र इक़्बाल है मगर अपने उ’र्फ़ी नाम मस्ऊ’दुर्रहमान से मुतआ’रफ़ हुए। आप अपने वालिद हकीम सय्यद शाह सई’द अहमद काकवी के बड़े साहिब-ज़ादा थे। शुरूअ’ से कम सुख़न और ग़रीब-पर्वर रहे। कभी किसी शय की तमन्ना ज़ाहिर न करते। सादगी-पसंद ज़िंदगी इख़्तियार करते। नाम-ओ-नुमूद, ऐ'श-ओ-इशरत से कोसों दूर रहे। मदरसा नो’मानिया हनफ़ीया , दानापुर से तफ़्सीर-ओ-हदीस की ता’लीम ली। आपको बैअ’त-ओ-ख़िलाफ़त अपने नाना शाह नज़ीर हसन अबुल-उ’लाई दानापुरी से थी। मज़ीद ता’लीम-ए-बातिनी और सुलूक की तक्मील हज़रत शाह अकबर दानापुरी के साहिब-ज़ादे और ख़ानक़ाह-ए-सज्जादिया अबुल-उ’लाइया, दानापुर के सज्जादा-नशीं हज़रत शाह मोहसि न दानापुरी से की। मंज़र काकवी शुरूअ’ से हज़रत शाह मोहसिन दानापुरी की सोहबत में रहे इसलिए शे’र-ओ-सुख़न से बहुत जल्द वाबस्ता हो गए। अच्छे अश्आ’र कहने पर क़ादिर थे। बराबर शे’री महाफ़िल में हिस्सा भी लिया करते थे। आपका शुमार हज़रत शाह मोहसिन दानापुरी के शागिर्दों में नुमायाँ तौर पर होता है। मंज़र काकवी की ज़िंदगी ने वफ़ा न की और वो 2 शव्वालुल-मुकर्रम 1361 हिज्री मुवाफ़िक़ 1942 ई’स्वी को इ’शा के वक़्त काको में रिहलत कर गए।