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Sufinama
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क़द्र बिलग्रामी

1833 - 1884 | हैदराबाद, भारत

इ’ल्म-ए-अ’रूज़ और तारीख़-गोई में महारत रखने वाला शाइ’र

इ’ल्म-ए-अ’रूज़ और तारीख़-गोई में महारत रखने वाला शाइ’र

क़द्र बिलग्रामी के अशआर

ख़ुद तुम्हें ये चाँद-सा मुखड़ा करेगा बे-हिजाब

मुँह पे जब मारोगे तुम झुरमुट कताँ हो जाएगा

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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