क़द्र बिलग्रामी के अशआर
ख़ुद तुम्हें ये चाँद-सा मुखड़ा करेगा बे-हिजाब
मुँह पे जब मारोगे तुम झुरमुट कताँ हो जाएगा
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टैग : चाँद
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere