Font by Mehr Nastaliq Web
Shah Abul Ma'ali's Photo'

शाह अबुल मआली

1552 - 1615 | पंजाब, पाकिस्तान

शाह अबुल मआली के सूफ़ी उद्धरण

ख़ुदा! मुझे अपने पीर की मोहब्बत की तौफ़ीक़ दे, ताकि मेरी ज़िंदगी का मक़सद पूरा हो जाए।

जब मैं दिल-ओ-जान से अपने महबूब का सच्चा आशिक़ हूँ और उस की पूरी मेहरबानी भी मुझ पर है, तो फिर मुझे किसी और की क्या ज़रूरत है।

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

Recitation

बोलिए