सूरदास का परिचय
जन्म :हरियाणा
निधन : उत्तर प्रदेश, भारत
वल्लाभाचर्य के शिष्य। जन्म स्थान ग्वालियर (51.. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल), मथुरा (कवि मियाँ सिंह), रूनकता (आचार्य रामचंद्र शुक्ल) सीही अन्य विद्वान बताते हैं। किन्तु रूनकता सर्वमान्य है। इसके पास ही गऊघाट पर वल्लाभाचर्य से इनकी मुलाक़ात हुई थी। इन्होंने पुष्टिमार्ग के आधार पर कृष्णभक्ति के हजारों पद बनाये जिनका संकलन सूरसागर के नाम से प्रसिद्ध है। इनकी अन्य दो रचनाएँ सूरसारावली और साहित्य-लहरी प्रसिद्ध है।