संपूर्ण
ई-पुस्तक1
परिचय
पद5
चौपाई1
शबद29
फ़ारसी कलाम1
राग आधारित पद10
रेख़्ता1
सलोक9
दोहरा42
सूफ़ी उद्धरण11
अब्दुल क़ुद्दूस गंगोही का परिचय
उपनाम : 'अलख दास'
मूल नाम : अब्दुल कुद्दूस
जन्म :रुदौली, उत्तर प्रदेश
निधन : गंगोह, उत्तर प्रदेश, भारत
इनके वालिद का नाम शेख़़ इस्माईल था। ये चिश्तिया सिलसिले की साबरिया शाखा में मुरीद थे जो शेख़ अलाउद्दीन अली बिन साबिर कलियरी से शुरु होता है। शेख़़ साहब के वालिद भी बड़े आलिम थे। वहाँ शेख़़ अहमद अब्दुल हक़ (1434 ई.) की खानकाह में शेख़़ पियारा नामक एक सूफ़ी, मसऊद बक़ का काव्य पढ़ रहे थे। शेख़़ साहब को देखकर उन्होंने पाठ बंद कर दिया। शेख़़ ने शेख़़ पियारा से कहा कि मैं भी इसी तौहीद के ज्ञान की खोज में हूँ। शेख़़ पियारा, शेख़़ अब्दुल कुद्दूस के ख़लीफ़ा थे। शेख़़ आरिफ ने उन्हें "अन अलहक़" का भाव ग्रहण करने की शिक्षा दी थी। शेख़़ पियारा हिंदी में भी कविता करते थे। शेख़़ अब्दुल कुद्दूस हिंदी में 'अलखदास' के नाम से कविता करते थे। फ़ारसी में शेख़़ साहब का नाम 'अहमदी' थी। इन्होंने फ़ारसी में अनेक ग्रंथों की रचना की। हिंदी में स्वंतत्र रूप में इनका कोई ग्रंथ नहीं है। इनकी प्रमुख रचनाएँ है- (1) अनवार उल उयून फ़ी असरारुल मकनून, (2) नूरूल हुदा, (3) कुर्रतुऐन, (4) मक्तूबात-ए-कुद्दूसिया और (5) रुश्दनामा (इसका हिंदी अनुवाद अलखबानी के नाम से प्रकाशित हैं।)