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अय्यूब अ'ली रिज़्वी

- 1970 | लाहौर, पाकिस्तान

आ’ला हज़रत के शागिर्द-ए-अ’ज़ीज़

आ’ला हज़रत के शागिर्द-ए-अ’ज़ीज़

अय्यूब अ'ली रिज़्वी का परिचय

मौलाना सय्यद अय्यूब रिज़वी इब्न-ए-सय्यद शुजाअ’त अ’ली इब्न-ए-सय्यद तुराब अ’ली इब्न-ए-सय्यद पीर अ’ली बरेली शरीफ़ उत्तर प्रदेश में पैदा हुए। मिडिल स्कूल में मिडिल करने के बा’द फ़ारसी की ता’लीम हासिल की। कुछ अ’र्सा इस्लामिया स्कूल बरेली में पढ़ाते रहे। फिर जब आ’ला हज़रत अहमद रज़ा ख़ाँ बरेलवी से बैअ’त हुए तो अपने आपको उनके लिए वक़्फ़ कर दिया। लिखाई का जो काम आप के सुपुर्द किया जाता उसे हुस्न-ए-एहतिमाम से अंजाम देते। रमज़ान में सेहरी और इफ़्तारी के नक़्शे मुरत्तब फ़रमाते। दीगर उ’लूम के अ’लावा हिसाब में आ’ला हज़रत से ख़ूब-ख़ूब इस्तिफ़ादा किया। आप कर्बला-ए-मुअ’ल्ला, बग़दा द शरीफ़, नजफ़-ए-अशरफ़ और बसरा में बुज़ुर्गान-ए-दीन के मज़ारात पर हाज़िरी से मुशर्रफ़ हुए। तीन दफ़्अ’ हज्ज-ओ-ज़ियारत की सआ’दत से बहरावर हुए। ढाई साल तक मदीना में क़याम-पज़ीर रहे। आ’ला हज़रत के विसाल के दो साल बा’द बरेली में रिज़्वी कुतुब-ख़ाना क़ाएम किया और आ’ला हज़रत के मुतअ’द्दिद रसाएल शाए’ किए। आ’ला हज़रत के विसाल के बा’द उनकी सवानिह-ए-हयात मुरत्तब करने की तहरीक आप ही ने शुरूअ’ की थी। मजमू आ’-ए-कलाम बाग़-ए-फ़िरदौस के नाम से दो हिस्सों में तब्अ’ हो चुका है। ना’त-ओ-मंक़बत के अ’लावा गागर और उ’र्स वग़ैरा पर भी ख़ूब लिखा है। 26 रमज़ानुल-मुबारक 1390 हिज्री मुवाफ़िक़ 26 नवंबर 1970 जुम्आ’ के रोज़ आपका विसाल हुआ और मयानी साहिब लाहौर के क़ब्रिस्तान में दफ़्न हुए।


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