अली हैदर मुल्तानी का परिचय
अ’ली हैदर मुल्तानी पंजाबी और सराइकी के मशहूर सूफ़ी शाइ’र हैं। उनकी मुकम्मल ज़िंदगी उनके आबाई शहर काज़िया में गुज़री। 10 मई 1690 ई’स्वी को क़स्बा चौंतरा, तहसील पीर-महल में पैदा हुए। वालिद का नाम शैख़ मुहम्मद अमीन था। सारी ज़िंदगी उसी जगह गुज़ारी। अ’ली हैदर मुल्तानी सुल्तान बाहु के बा’द बड़े शाइ’र तस्लीम किए जाते हैं। उनकी शाइ’री में सूफियाना रंग नुमायाँ हैं। अ’रबी और फ़ारसी पर उ’बूर हासिल था। लुत्फ़ अ’ली बहावलपुरी उनके शागिर्द थे 1898 ई’स्वी में लाहौर से तअ’ल्लुक़ रखने वाले मलिक फ़ज़लुद्दीन उनकी नज़्मों से बहुत मुतअस्सिर हुए और उन्हें शाए’ किया। इस किताब में उन्होंने ज़्यादा-तर अपने क़व्वाली जमअ’ किए जो अ’ली हैदर मुल्तानी के मुरीद फ़क़ीर ग़ुलाम की निगरानी में अस्ल नुस्खे़ की मदद से शाए’ किए गए। इस किताब का नाम मुकम्मल मजमूआ’-ए’-अ’ज़्मत अ’ली हैदर रखा गया था। अ’ली हैदर मुल्तानी का इंतिक़ाल 8 जून 1785 ई’स्वी में अपने आबाई गाँव चौंतरा में हुआ। उनका मज़ार भी यहीं वाकक़े’ है।