Sufinama
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अमीर ख़ुसरो

1253 - 1325 | दिल्ली, भारत

उर्दू / हिंदवी के पहले शायर। मशहूर सूफ़ी हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के शागिर्द और संगीतज्ञ। तबला और सितार जैसे साज़ों का अविष्कार किया। अपनी ' पहेलियों ' के लिए प्रसिद्ध जो भारतीय लोक साहित्य का हिस्सा हैं। ' ज़े हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल ' जैसी ग़ज़ल लिखी जो उर्दू / हिंदवी शायरी का पहला नमूना है।

उर्दू / हिंदवी के पहले शायर। मशहूर सूफ़ी हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के शागिर्द और संगीतज्ञ। तबला और सितार जैसे साज़ों का अविष्कार किया। अपनी ' पहेलियों ' के लिए प्रसिद्ध जो भारतीय लोक साहित्य का हिस्सा हैं। ' ज़े हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल ' जैसी ग़ज़ल लिखी जो उर्दू / हिंदवी शायरी का पहला नमूना है।

अमीर ख़ुसरो की ई-पुस्तक

अमीर ख़ुसरो की पुस्तकें

8

Ameer Khusrau Deebacha-e-Deewan-e-Ghurrat-ul-Kamal

1975

Ameer Khusrou

Guzeeda Ashaar

दोगुना

अमीर ख़ुसरो की सौ ग़ज़लो का उर्दू ग़ज़ल में तरजुमा

1975

ख़ालिक़ बारी

1952

Khazain-ul-Futooh

1927

Khazain-ul-Futooh

Treasures of Victory

1931

Masnavi Majnun Wa Laila

नामा-ए-सिकंदरी

1914

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

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