बाबा फ़रीद का परिचय
उपनाम : 'फ़रीद'
मूल नाम : फ़रीदुद्दिन
जन्म : 01 Apr 1173 | कोथेवाल, पंजाब
निधन : 01 May 1266 | पंजाब, पाकिस्तान
संबंधी : निज़ामुद्दीन औलिया (मुर्शिद), क़ुतुबुद्दीन बख़्तियार काकी (मुर्शिद), ख्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया (मुरीद), शैख़ जमालुद्दिन हान्सवी (मुरीद)
पूरा नाम शेख़ फ़रीदुद्दीन मसूद| बाबा फ़रीद गंज-ए-शकर के नाम से विख्यात| प्रसिद्ध चिश्ती संत ख़्वाजा क़ुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के मुरीद और हज़रत निजामुद्दीन औलिया, शेख़ जमालुद्दीन हांसवी और साबिर कलियारी जैसे प्रसिद्ध सूफ़ी संतों के गुरु बाबा फरीद ने शुरुआती दिनों में हरियाणा के हांसी में क़याम किया मगर लोगों का बढ़ता हुजूम देखकर पाकपट्टन चले गए और वहीं की ख़ाक के सुपुर्द हुए| बाबा फ़रीद की ख़ानक़ाह में हिन्दू जोगियों और मुस्लिम दरवेशों का ताँता लगा रहता था| बाबा फ़रीद ने कभी भी दरबार का रुख़ नहीं किया और यहीं शिक्षा अपने मुरीदों को भी दी| कहते हैं कि बाबा फ़रीद के देहांत के बाद उनकी ख़ानक़ाह में इतने पैसे भी नहीं थे कि अंत्येष्टि- क्रिया संपन्न हो सके| उनके मुरीदों ने ख़ानक़ाह की दीवार गिरा कर जो ईटें मिली उन्हें बेच कर उनका अंतिम संस्कार किया . प्रमुख रचनायें - बाबा फरीद की वाणी श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में संकलित हैं .