Font by Mehr Nastaliq Web
Sufinama
noImage

चरनदास जी

1703 - 1839 | मेवाड़, भारत

चरनदास जी का परिचय

राजपूताना के मेवात देश के डेहरा नामक गाँव में सन् 1703 ई. में जन्म। 70 वर्ष की आयु में सं. 1839 में दिल्ली में चोला छोड़ा। चरनदास जी का घरेलू नाम रणजीत सिंह था। इनके 52 शिष्य कहे जाते हैं जिनकी 52 गद्दियाँ आज भी वर्तमान हैं। इनकी दो शिष्याएँ सहजो भाई और दया बाई के पद प्रसिद्ध है। चरणदास जी ने भी अन्य संतों की तरह बाहरी आडम्बर और अहक मटक का खंडन किया है। हालांकि अपनी वाणी में बैराग, ज्ञान आदि सब साधन कहे हैं। लेकिन नाम और गुरुभक्ति को सबसे ऊँचा रखा है। 

संबंधित टैग

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए