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ڈاکٹر افروز تاج

یونیورسٹی آف نارتھ کیرولائنا (امریکہ) میں پروفیسر، ہندی، اردو شاعری، تحریر اور تھیٹر میں سرگرم

یونیورسٹی آف نارتھ کیرولائنا (امریکہ) میں پروفیسر، ہندی، اردو شاعری، تحریر اور تھیٹر میں سرگرم

ڈاکٹر افروز تاج کے دوہے

باعتبار

बुढ़िया कमर झुकाय के, मोटा चश्मा डार

झुक झुक रेत में ढूंढती, जोबन कहाँ फ़रार

अच्छी मदिरा ढूंढने, छाने सभी बजार

मदिरा अच्छी मैं कहूँ, खुली इक भी बार

ताज पहेली जानता, उलटे उसके कान

अली सुने दीपावली, राम सुने रमज़ान

माँगें मदद बाबुल से, मनको भावें आम

हाथ हटा हथियार से, हाथ यार का थाम

दौलत में और रोग में, रोग ही मुझे सुहाय

दौलत यार भुलाय है, रोग ही याद दिलाय

पंछी सोचके कीजियो, कीड़ों का संघार

कीड़ों का बन जाएगा, इक दिन तू आहार

कपड़े गिन गिन देत हो, धोबी को हर बार

दाग़ धुले ख़ुद आप से, इस पर करो विचार

कहीं फूल कहीं चादरें, कहीं पे चन्दन हार

गंगा जी के घाट पर, मुर्दों के श्रृंगार

बाँसुरिया के भाग पर, अचरज करता क्यूँ

मन में छेद छिदाए, तब लगी पिया के मूँ

मन में माल कुबेर का, तन से ताज मलंग

जैसे तेल ज़मीन में, ऊपर धूल दबंग

अरब देश क्या पूछिए, जैसे एक चिराग़

नीचे-नीचे तेल है, ऊपर-ऊपर आग

झगड़ा मौत कबीर पर, गाढ़े या जलवाय

फूल डाल मुझ बावरा, ले गयो उसे उठाय

ज़्यादा सुंदर मुखन पे, होना बे-ताब

उतने काँटे झार में, जितने फूल गुलाब

जीव दया से देस के, भरे पड़े बाज़ार

बच्चे झूठन चाटते, कुत्ते घूमें कार

घृणा ही क्यों मानता, प्रेम संदेसा मान

मास्जिद के ही पास जो, किशन जनम स्थान

हाथी रूप गणेश जी, बन्दर में हनुमान

मानव जात के रूप में, खुले फिरे शैतान

नेत्रदान को पाय के, अंधा ख़ुशी मनाय

चीखा दुनिया देख के मोहे अंधा कोई बनाय

लाखों माचिस तीलियाँ, एक ही पेड़ बनाय

इक तीली ने पेड़ को, लाखों दिए जलाय

जो भी जितना रोए है, उतना ही मुस्काए

पौधा ही सींचिए, फल कहाँ से आए

अब क्या चला है पोंछने, तू निर्धन के नीर

एक बना तू बादशाह, लाखों बने फ़क़ीर

उल्टी गंगा राम की, कह दूँ साँची बात

मुर्दों को है ताज महल, ज़िंदों को फ़ुटपात

शेर से डरके जानवर, भजे शहर की ओर

इस से तो वे वहीं भले, शहर में आदम ख़ोर

मानव चींटा मारकर, तनिक देता ध्यान

चींटा उस को काट ले, जाये तूफ़ान

पाखी बैठा पींजरा, मन ही मन में शाद

सारी दुनिया जेल में, मैं ही इक आज़ाद

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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