एजाज़ हुसैन जावेद का परिचय
मिर्ज़ा ऐ’जाज़ हुसैन नाम और ‘जावेद तख़ल्लुस था।’ 1912 ई’स्वी मुताबिक़ 1330 हिज्री को अपने जद्दी मकान वाक़े ’ चौघड़ा नज़्द कश्मीरी कोठी पटना सीटी में पैदा हुए|बचपन में मदरसा सुलैमानिया में ता’लीम पाई और मदरसा इस्लामिया शम्सुल-हुदा पटना से फ़ाज़िल की सनद हासिल की। बा'दहु तिब्बिया कॉलेज पटना से फ़ारिग़ुत्तहसील हुए। इब्तिदा में चंद साल में स्कूल में मुस्तक़िल मुलाज़िमत इख़्तियार की| 1928 ईस्वी से ही शे’र कहने लगे थे। बहुत कम-गो थे मगर जो कहते ख़ूब कहते। ग़ालिबन 1912 ई’स्वी में पहले-पहल उन्होंने मदरसा अ’ब्बासिया जिसके प्रिंसिपल मौलाना मुहम्मद मुस्तफ़ा साहिब अल-मुतख़ल्लिस ब-‘जौहर’ थे और शाइ’री में उनके शागिर्द थे के मुक़ासदा में अपना क़सीदा पढ़ा था। उस बज़्म में पढ़ा जाने वाला जावेद साहिब का क़सीदा दानिश साहिब और दीगर लोगों के इज्तिमाई’ मज्मूआ’-ए-कलाम “इक़्द-ए-परवीन” में 1940 ई’स्वी में शाए’ हुआ था। सिर्फ़ 54 साल की उ’म्र पाई। 1968 ई’स्वी में इंतिक़ाल हुआ।