नज्म काकवी का परिचय
सय्यद मुहम्मद नज्मुद्दीन अक्तूबर 1919 ई’सवी को काको ज़िला जहानाबाद में पैदा होए आप ऐसे घराने से तअ’ल्लुक़ रखते थे जो एक ज़माने तक इ’ल्म-ओ-अदब का गहवारा बना रहा| नज्म काकवी पटना यूनीवर्सिटी से एम.ए किया और फिर शे’र-ओ-सुख़न की तरफ़ माएल हुए,| मुख़्तलिफ़ मौज़ूआ’त पर मुख़्तलिफ़ मज़ामीन लिखे| अदबी और सियासी मज़ामीन भी ब-कसरत लिखे जिससे नज्म को एक ख़ास शोहरत मिली और 1947 ई’स्वी में सिंध यूनीवर्सिटी के क़याम के फ़ौरन बा’द वो उस से मुंसलिक हो गए और मुतअ’द्दिद अहम ओ’हदों पर फ़ाइज़ रहे|1951 ई’स्वी में जब कराची यूनीवर्सिटी क़ाएम हुई तो पाकिस्तान के ऐम यूनीवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार मुक़र्रर किए गए| वक़्तन फ़-वक़्तन आप इस यूनीवर्सिटी के दीगर आ’ला ओ’हदे भी सँभालते रहे और बिल-आख़िर 1969 ई’स्वी में कराची यूनीवर्सिटी के रजिस्ट्रार हुए। नज्म काकवी उर्दू के साथ-साथ अंग्रेज़ी ज़बान भी अच्छी जानते थे| अंग्रेज़ी में उनके मज़ामीन भी शाए’ हुए हैं जो अहमियत के हामिल हैं| उनका शे’री सरमाया मुंतशिर है और मुख़्तलिफ़ शुमारों की ज़ीनत है