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नातिक़ लखनवी

1878 - 1950 | कानपुर, भारत

लखनऊ के मा’रूफ़ अदीब, शाइ’र और मुसन्निफ़

लखनऊ के मा’रूफ़ अदीब, शाइ’र और मुसन्निफ़

नातिक़ लखनवी का परिचय

उपनाम : 'नातिक़'

मूल नाम : सईद अहमद

निधन : 01 Oct 1950 | अन्य, बंगलादेश

संबंधी : हसन जान (मुरीद), शाकिर कानपुरी (मुर्शिद)

नातिक़ लखनवी 1878 ई’स्वी में लखनऊ में पैदा हुए। नातिक़ का पूरा नाम सई’द अहमद और कुनिय्यत अबुल-उ’ला थी। वालिद का नाम अ’ब्दुल बसीर हुज़ूर था। वो भी उर्दू के शाइ’र थे। कहा जाता है कि उन के जद्द-ए-आ’ला बग़्दाद से हिन्दुस्तान आए और बाराबंकी ज़िला के क़स्बा देवा में सुकूनत पज़ीर हुए। नातिक़ ने लखनऊ में ता’लीम-ओ-तर्बियत पाई। इब्तिदा में तस्नीफ़-ओ-तालीफ़ को ज़रिया-ए-मआ’श बनाया। हैदराबाद में एक रिसाले के मुदीर रहे। तबाबत करते, शे’र कहते और मुशाइ’रों में शिर्कत करते। उर्दू और फ़ारसी दोनों ज़बानों में शे’र कहा करते थे। नातिक़ कानपुर में भी कुछ अ’र्सा तक रहे। उन्हें फ़न्न-ए-शाइ’री में अमीर मीनाई से तलम्मुज़ हासिल था। बा’द में हसन शह्सरामी की सोह्बत में भी बैठे। नातिक़ से इस्तिफ़ादा करने वाले शोְअ’रा ज़्यादा-तर कानपूर, कलकत्ता और लखनऊ के थे। नातिक़ लखनवी ने आख़िरी उ’म्र में चाटगाम, बंगला-देश में सुकूनत इख़्तियार कर ली। उ’म्र के आख़िरी हिस्से में फ़ालिज के शिकार हुए। उनकी वफ़ात फ़ालिज के शदीद हमले की वजह से सोमवार के रोज़ 9 अक्तूबर 1950 ई’स्वी में हुई। नातिक़ की तद्फ़ीन महल्ला बदर पट्टी अ’क़्ब मज़ार बदर शाह चाटगाम में की गई।


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