क़मर जलालवी का परिचय
उपनाम : 'क़मर'
मूल नाम : मुहम्मद हुसैन
जन्म : 01 Aug 1887 | अलीगढ़, उत्तर प्रदेश
निधन : 01 Oct 1968 | सिंध, पाकिस्तान
संबंधी : एजाज़ रहमानी (मुर्शिद)
‘क़मर’ जलालवी का नाम सय्यद मुहम्मद हुसैन है। वो 19 अगस्त 1887 ई’स्वी में क़स्बा जलाली, ज़िला अ'लीगढ़ में पैदा हुए। उन्होंने बचपन में सय्यद ज़िंदा अ’ली से बा-क़ाए’दा उर्दू और फ़ारसी की ता’लीम हासिल की। ज़िला' अ’लीगढ़ में साईकल की दुकान थी। यही उनकी रोज़ी का ज़रिआ’ था। ‘अमीर’ मीनाई उनके रुहानी उस्ताद थे। क़याम-ए-पाकिस्तान के बाद उन्होंने हिज्रत करके कराची में सुकूनत इख़्तियार कर ली। शाइ’री के जुम्ला अस्नाफ़-ए-सुख़न पर क़ादिर थे। हिन्दुस्तान और पाकिस्तान में आपके मुतअद्दिद शागिर्द हुए जिन्हों ने ख़ूब नाम कमाया| ‘क़मर’ जलालवी ने कम-उ’म्री से ही शे’र कहना शुरूअ’ कर दिया था और मुशाइ’रों में ख़ूब दाद-ओ-तहसीन पाते थे। तक़रीबन तीस बरस की उ’म्र में उनके कई शागिर्द हो गए जिसकी वजह से क़मर के नाम में उसी वक़्त से उस्ताद लफ़्ज़ का इज़ाफ़ा हो गया। क़मर जलालवी मुन्कसिरुल- मिज़ाज थे। नाम-ओ-नुमूद से दूर रहा करते थे। वो अल्लाह से डरने वाले एक बेहतरीन इन्सान थे। उन्होंने कभी अपनी वाह-वाही नहीं चाही, न ही शोहरत के मुतलाशी हुए। उनकी आवाज़ में दर्द और कर्ब था। तरन्नुम भी अच्छा था। उनकी अक्सर ग़ज़लें कोई न कोई दबा ले जाता था। क़मर जलालवी की रिहलत के बा’द क़मर का बचा खुचा सरमाया शाए’ हुआ। उस्ताद क़मर जलालवी 24 अक्तूबर 1968 ई’स्वी को कराची में इंतिक़ाल कर गए।