शम्स साबरी का परिचय
शम्स का अस्ल नाम शाह शम्सुद्दीन चिश्ती साबरी है। इब्तिदा में अपने वतन बछरावं ज़िला मुरादाबाद में ज़मींदारी और मुलाज़मत का पेशा इख़्तियार किया था लेकिन उसके बा’द हाजी ग़ुलाम रसूल क़ादरी की सोहबत में जा बैठे।मुर्शिद के इर्शाद पर मुसलसल बारह साल तक सैर-ओ-सियाहत में मसरूफ़ रहे और मशाहीर सूफ़िया की ख़िदमत-ओ-सोहबत से मुस्तफ़ीज़ हुए। उनको बैअ’त सिलसिला-ए-चिश्तिया साबिरीया में कलियर के बुज़ुर्ग हज़रत पीर अ’ली शाह से थी । इजाज़त-ओ-ख़िलाफ़त भी मिली और अजमेर शरीफ़ जाने का हुक्म हुआ और ख़्वाजा बुज़ुर्ग के आस्ताना पर मुराक़िब हुए। शम्स साबरी का शे’री सर्माया आईना-ए-असरार-ए-मा’रिफ़त के नाम से छप चुका है। वतन बछरावाँ ज़िला मुरादाबाद में 11 ज़ी-क़ा'दा 1313 हिज्री मुवाफ़िक़ 1894 को इंतिक़ाल हुआ