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Sufinama
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احمد

1603 - 1639 | بھارت

احمد

دوہا 19

'अहमद' लड़का पढ़न में कहु किन झोका खाय।

तन घट बह विद्या रतन भरत हिलाय हिलाय।।

  • شیئر کیجیے

करै जु करम अनेक ना बहै करम की रेह।

किये विधाता गुन प्रकट रोम रोम सब देह।।

  • شیئر کیجیے

गुन चाहत औगुन तजत, जगत बिदित ये अङ्क।

ज्यों पूरन ससि देखि के, सब कोऊ कहत कलंक।।

  • شیئر کیجیے

गुपुत प्रकट संसार मधि जो कछु बिधना कीन।

अगम अगोचर गुन प्रकट रोम रोम कहि दीन।।

  • شیئر کیجیے

गमन समय पटुका गह्यो, छाड़हुँ कह्यो सुजान।

प्रान पियारे प्रथम की पटुका तजौं कि प्रान।।

  • شیئر کیجیے

سورٹھا 2

 

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