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औघट शाह वारसी का परिचय
उपनाम : 'औघट'
मूल नाम : बदरुद्दीन
जन्म :मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश
निधन : 01 Sep 1952 | उत्तर प्रदेश, भारत
संबंधी : हाजी वारिस अली शाह (मुरीद)
औघट शाह ‘वारसी’ बछरायूँ ज़िला मुरादाबाद के सर-बरआवुर्दा चौधरी ख़ानदान में शाह शम्सुद्दीन चिश्ती साबरी के यहाँ 8 मुहर्रमुल-हराम 1291 हिज्री को पैदा हुए। तारीख़ी नाम असग़र और आबाई नाम बदरुद्दीन तजवीज़ हुआ। बचपन ही में वालिदैन का विसाल हो गया। वालिद माजिद की वसियत के मुताबिक़ आपने देवा शरीफ़ जा कर हाजी सय्यद वारिस अ’ली शाह से बैअ’त ली। वालिद बुजु़र्ग-वार की सोहबात और तवज्जोह ने इब्तिदा ही में आपको रूहानियत में कामिल कर दिया था। वारिस-ए-पाक की मख़्सूस इ’नायत ने उस में जिला पैदा कर दी। बैअ’त के बा’द आप एहराम -पोश फ़क़ीर हो गए और वालिद के मज़ार पर रहने लगे और उनका उ’र्स भी करने लगे। बा’द में पीर-ओ-मुर्शिद के हुक्म के मुवाफ़िक़ बदरुद्दीन की जगह औघट शाह हो गए। आप मख़्सूस वक़्त में वारिस-पाक को मशाइख़ीन का आ’शिक़ाना कलाम सुनाते थे और उसी ज़ौक़-ओ-शौक़ और शिद्दत-ए-इ’श्क़ की कैफ़ियत में ख़ुद भी शे’र कहने पर मजबूर हो गए। शैदा ‘वारसी’ जो वारसिया सिलसिला के ज़बरदस्त आ’लिम और हयात -ए-‘वारिस’ के मुसन्निफ़ गुज़रे हैं, ने आपको वारिस-ए-पाक के ख़ासुल-ख़ास शो’रा में शुमार किया है। आपका मजमूआ’-ए-कलाम फ़ैज़ान-ए-"वारसी" के नाम से तब्अ’ हो चुका है। औघट शाह ‘वारसी’ की ख़ानक़ाह बछरायूँ में आबाद है और सालाना उ’र्स भी शान-ओ-शौकत से मनाया जाता है। आपका विसाल 1372 हिज्री में पटना में हुआ और तज्हीज़-ओ-तक्फ़ीन बछरायूँ में हुई।