फ़ैज़ अली शाह के सूफ़ी लेख
आगरा में ख़ानदान-ए-क़ादरिया के अ’ज़ीम सूफ़ी बुज़ुर्ग
आगरा की सूफ़ियाना तारीख़ उतनी ही पुरानी है जितनी ख़ुद आगरा की।आगरा श्री-कृष्ण के दौर से ही मोहब्बत और रूहानियत का मर्कज़ रहा लेकिन मुस्लिम सूफ़ियाना रिवायत की इब्तिदा सुल्तान सिकंदर लोदी से होती है, जिसने आगरा को दारुल-सल्तनत बना कर अज़ सर-ए-नै ता’मीर
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere