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अज्ञात

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अज्ञात

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अज्ञात

अज्ञात

अज्ञात

अज्ञात

अज्ञात

अज्ञात

अपनी निगाह-ए-शौक़ को रोका करेंगे हम

अज्ञात

अब तंगी-ए-दामाँ पे न जा और भी कुछ माँग

अज्ञात

आँख लड़ने का बहाना हो गया

अज्ञात

आज उनके दामन पर अश्क मेरे ढलते हैं

अज्ञात

इक क़ियामत बन गई है आश्नाई आप की

अज्ञात

'इनायत की नज़र हो जाए मुझ आफ़त के मारे पर

अज्ञात

इ'श्क़ की हद से निकलते फिर ये मंज़र देखते

अज्ञात

उनका हो कर ख़ुद उन्हें अपना बना सकता हूँ मैं

अज्ञात

उस ने भरी महफ़िल को दीवानः बना डाला

अज्ञात

ऐ फ़ित्ना-ए-हर-महफ़िल ऐ महशर-ए-तन्हाई

अज्ञात

ऐ शो’ला-ए-जवाला जब से लौ तुझ से लगाए बैठे हैं

अज्ञात

कभी उन का नाम लेना कभी उन की बात करना

अज्ञात

करें हम किस की पूजा और चढ़ाएँ किस को चंदन हम

अज्ञात

कलाम-ए-ख़ुदा है कलाम-ए-मोहम्मद

अज्ञात

कस्मपुर्सी में ग़रीबों के सहारे ख़्वाजा

अज्ञात

किस क़दर महव-ए-तमाशा हो गया

अज्ञात

किस चीज़ की कमी है मौला तिरी गली में

अज्ञात

किसी को हिज्र तड़पाए तुम्हें क्या

अज्ञात

कोई मज़ा मज़ा नहीं कोई ख़ुशी ख़ुशी नहीं

अज्ञात

ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की चादर है

अज्ञात

ग़म-ए-इ'श्क़ में आह-ओ-फ़रियाद कैसी हर इक नाज़ उनका उठाना पड़ेगा

अज्ञात

ज़ुल्म हम पर हर-आन होते हैं

अज्ञात

जहान सब हम ने छान मारा हसीन-ए-यकता तुम्हीं को देखा

अज्ञात

जिन रातों में नींद उड़ जाती है क्या क़ह्र की रातें होती हैं

अज्ञात

जिस तरफ़ से गुलशन-ए-’अदनान गया

अज्ञात

जो कफ़न बाँध के सर से गुज़रे

अज्ञात

तजल्ली नूर क़दम-ए-ग़ौस आ'ज़म

अज्ञात

तुझी को जो याँ जल्वा-फ़रमा न देखा

अज्ञात

तुम जिस को देख लो वो न पहलू में पाए दिल

अज्ञात

तुम्हारी दीद में है वो असर या ग़ौस समदानी

अज्ञात

तेरी नज़र से दिल को सुकूँ है क़रार है

अज्ञात

तिरे हुस्न का करिश्मा मिरी हर बहार ख़्वाजा

अज्ञात

तिरी उल्फ़त में मर मिटना शहादत इस को कहते हैं

अज्ञात

दिल में कुछ और मिरे हसरत-ओ-अरमान नहीं तेरी चाहत के सिवा

अज्ञात

दिल हो गया है जब से शैदा अबुल-उ'ला का

अज्ञात

दीन से दूर न मज़हब से अलग बैठा हूँ

अज्ञात

न है बुत-कदा की तलब मुझे न हरम के दर की तलाश है

अज्ञात

नूरी महफ़िल पे चादर तनी नूर की नूर फैला हुआ आज की रात है

अज्ञात

निकल गए हैं ख़िरद की हदों से दीवाने

अज्ञात

बे-गाना-ए-इ’रफ़ाँ को हक़ीक़त की ख़बर क्या

अज्ञात

ब-तुफ़ैल-ए-दामन-ए-मुर्तज़ा में बताऊँ क्या मुझे क्या मिला

अज्ञात

ब-तुफ़ैल-ए-दामन-ए-मुर्तज़ा मैं बताऊँ क्या मुझे क्या मिला

अज्ञात

मैं आईना हूँ शख़्स और 'अक्स तू है

अज्ञात

मैं ख़ुद को ढूँढता हूँ वो हाथ आ रहे हैं

अज्ञात

मैं दंग हूँ अपने में हैरत उसे कहते हैं

अज्ञात

मैं बुरा हूँ या भला हूँ मेरी लाज को निभाना

अज्ञात

मय-कदे का निज़ाम तुम से है

अज्ञात

मायूस साएल ने जब घर की राह ली

अज्ञात

मोहब्बत की हम चोट खाए हुए हैं

अज्ञात

ये जहाँ भी तू है इस की आख़िरी मंज़िल भी तू

अज्ञात

यार अग़्यार में नज़र आया

अज्ञात

यार अपनी शक्ल में है हम हैं शक्ल-ए-यार में

अज्ञात

यार की मर्ज़ी के ताबे' यार का दम-भर के देख

अज्ञात

रहने दो चुप मुझे न सुनो माजरा-ए-दिल

अज्ञात

लेके दिल में मोहब्बत की पाकीज़गी घर से निकले थे दैर-ओ-हरम के लिए

अज्ञात

ला-मकाँ छुप न सका यार तुम्हारा हम से

अज्ञात

लौ मदीने की तजल्ली से लगाए हुए हैं

अज्ञात

वही आबले हैं वही जलन कोई सोज़-ए-दिल में कमी नहीं

अज्ञात

वो अदा-ए-दिलबरी हो कि नवा-ए-आशिक़ाना

अज्ञात

वो जब से ख़िर्मन मसर्रतों का जला गए बिजलियाँ गिरा के

अज्ञात

शौक़ से ना-कामी की बदौलत कूचा-ए-दिल भी छूट गया

अज्ञात

सुने कौन क़िस्सा-ए-दर्द-ए-दिल मेरा ग़म-गुसार चला गया

अज्ञात

सरताज-ए-रुसुल मक्की मदनी सरकार-ए-दो-आ’लम सल्ले-अ'ला

अज्ञात

सलाम-ए-'इश्क़ तुझे ऐ बहार-ए-ग़म बीनी

अज्ञात

साए में तुम्हारे दामन के जिस दिन से गुज़ारा करते हैं

अज्ञात

हम ने सौ आफ़तें मोल ली जान-ए-जाँ इक तुम्हारी ही राज़ी ख़ुशी के लिए

अज्ञात

हर इक मुश्किल में काम आई दुहाई मेरे मौला की

अज्ञात

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शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

अज्ञात

अज्ञात

अज्ञात

अज्ञात

अज्ञात

अज्ञात

अज्ञात

अज्ञात

क्या जाने क्या अरमाँ ले कर हम तेरी गली में आ निकले

अज्ञात

कितना दिल-सोज़ वो मंज़र वो नज़ारा होगा

अज्ञात

किसी दर्दमंद के काम आ किसी डूबते को उछाल दे

अज्ञात

देख लो शक्ल मेरी किस का आईना हूँ मैं

अज्ञात

दिल में जिगर में आँख में बस तू ही तू रहे

अज्ञात

मुझे ग़म-ज़दा देख कर वो ये बोले

अज्ञात

मुझ में हर रंग अब तुम्हारा है

अज्ञात

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नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

कल्लन ख़ाँ

कल्लन ख़ाँ

कल्लन ख़ाँ

कल्लन ख़ाँ

कल्लन ख़ाँ

कल्लन ख़ाँ

कल्लन ख़ाँ

सुबहान अहमद निज़ामी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अ'ज़ीज़ मियां

अरे लोगो तुम्हारा क्या मैं जानूँ मेरा ख़ुदा जाने

अरे लोगो तुम्हारा क्या मैं जानूँ मेरा ख़ुदा जाने आबिदा परवीन

अ'र्श-ए-आ'ज़म का दूल्हा बड़ी चीज़ है

अ'र्श-ए-आ'ज़म का दूल्हा बड़ी चीज़ है नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अल्लाह हू अल्लाह हू अल्लाह हू

अल्लाह हू अल्लाह हू अल्लाह हू नुसरत फ़तेह अली ख़ान

'अली 'अली कह

'अली 'अली कह आबिदा परवीन

'अली इमाम-ए-मनस्त-ओ-मनम ग़ुलाम-ए-'अली

'अली इमाम-ए-मनस्त-ओ-मनम ग़ुलाम-ए-'अली नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आ गया यूँ मेरे होंटों पे तेरा नाम कि बस

आ गया यूँ मेरे होंटों पे तेरा नाम कि बस आबिदा परवीन

आज की बात फिर नहीं होगी

आज की बात फिर नहीं होगी नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आज हम ने यूँ ही ख़ुशी कर ली

आज हम ने यूँ ही ख़ुशी कर ली नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आप बैठे हैं बालीं पे मेरी मौत का ज़ोर चलता नहीं है

आप बैठे हैं बालीं पे मेरी मौत का ज़ोर चलता नहीं है नुसरत फ़तेह अली ख़ान

इतना शदीद ग़म है कि एहसास-ए-ग़म नहीं

इतना शदीद ग़म है कि एहसास-ए-ग़म नहीं नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ईद-गाह-ए-मा ग़रीबाँ कू-ए-तू

ईद-गाह-ए-मा ग़रीबाँ कू-ए-तू नुसरत फ़तेह अली ख़ान

कृपा करो महाराज मु’ईनउद्दीन

कृपा करो महाराज मु’ईनउद्दीन नुसरत फ़तेह अली ख़ान

क्यूँ हो वो जा के मय-कदे में ख़राब

क्यूँ हो वो जा के मय-कदे में ख़राब नुसरत फ़तेह अली ख़ान

क्या ख़्वाब था वो जिस की ता'बीर नज़र आई

क्या ख़्वाब था वो जिस की ता'बीर नज़र आई आबिदा परवीन

काली काली ज़ुल्फ़ों के फंदे न डालो

काली काली ज़ुल्फ़ों के फंदे न डालो नुसरत फ़तेह अली ख़ान

कोई अजनबी-सा दयार था यही वक़्त होगा पहल गए

कोई अजनबी-सा दयार था यही वक़्त होगा पहल गए आबिदा परवीन

ख़ुश्बू का कोई झोंका हो तो साँसों से ज़ंजीर करूँ

ख़ुश्बू का कोई झोंका हो तो साँसों से ज़ंजीर करूँ आबिदा परवीन

ख़ुश्बू शबनम रंग सितारे करते हैं दीवाना-सा

ख़ुश्बू शबनम रंग सितारे करते हैं दीवाना-सा आबिदा परवीन

गंज-ए-शकर मोरी रंग दो चुनरिया

गंज-ए-शकर मोरी रंग दो चुनरिया नुसरत फ़तेह अली ख़ान

चैन तुम से क़रार तुम से है

चैन तुम से क़रार तुम से है फरीद अयाज़

ज़रा सी बात पे वो जग-हँसाइयाँ दे कर

ज़रा सी बात पे वो जग-हँसाइयाँ दे कर आबिदा परवीन

ज़ुल्फ़ रुख़ से हटा के बात करो

ज़ुल्फ़ रुख़ से हटा के बात करो नुसरत फ़तेह अली ख़ान

जहाँ में नूर बिखरा है मेरे मुर्शिद क़लंदर का

जहाँ में नूर बिखरा है मेरे मुर्शिद क़लंदर का आबिदा परवीन

जहाँ में हर कहीं हर सू

जहाँ में हर कहीं हर सू नुसरत फ़तेह अली ख़ान

जिस की जानिब वो नज़र अपनी उठा देते हैं

जिस की जानिब वो नज़र अपनी उठा देते हैं नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तकलीफ़-ए-हिज्र दे गई राहत कभी-कभी

तकलीफ़-ए-हिज्र दे गई राहत कभी-कभी आबिदा परवीन

तुझ को आता है हर इक दुख का मुदावा करना

तुझ को आता है हर इक दुख का मुदावा करना नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तुम अगर यूँही नज़रें मिलाते रहे मय-कशी मेरे घर से कहाँ जाएगी

तुम अगर यूँही नज़रें मिलाते रहे मय-कशी मेरे घर से कहाँ जाएगी नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तुम को देखे हुए गुज़रे हैं ज़माने आओ

तुम को देखे हुए गुज़रे हैं ज़माने आओ आबिदा परवीन

तुम्हारे ही होने से आबाद है दिल

तुम्हारे ही होने से आबाद है दिल नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तेरे 'इश्क़ में डालूँ धमाल

तेरे 'इश्क़ में डालूँ धमाल आबिदा परवीन

तिरे करम का सहारा है ज़िंदगी मेरी

तिरे करम का सहारा है ज़िंदगी मेरी नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तो दिल में फूल खिल जाए

तो दिल में फूल खिल जाए आबिदा परवीन

दम मस्त क़लंदर मस्त-मस्त

दम मस्त क़लंदर मस्त-मस्त नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दम-दम करो फ़रीद फ़रीद ऑखो हक़ फ़रीद

दम-दम करो फ़रीद फ़रीद ऑखो हक़ फ़रीद नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दमा-दम मस्त क़लंदर

दमा-दम मस्त क़लंदर नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दर-ए-पंजतन का नज़ारा क़लंदर

दर-ए-पंजतन का नज़ारा क़लंदर आबिदा परवीन

दस्तार है हुसैन के सर में रसूल की

दस्तार है हुसैन के सर में रसूल की नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दिल में अगर तड़प न हो 'आशिक़ी 'आशिक़ी नहीं

दिल में अगर तड़प न हो 'आशिक़ी 'आशिक़ी नहीं नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नूर-ए-अज़ल नूर-ए-ख़ुदा

नूर-ए-अज़ल नूर-ए-ख़ुदा आबिदा परवीन

नूर-ए-इलाही नूर-ए-इलाही

नूर-ए-इलाही नूर-ए-इलाही आबिदा परवीन

नाद-ए-'अली पढ़ नाद-ए-'अली पढ़

नाद-ए-'अली पढ़ नाद-ए-'अली पढ़ आबिदा परवीन

पुकारो नाम बाबा का पुकारो

पुकारो नाम बाबा का पुकारो नुसरत फ़तेह अली ख़ान

फ़रियाद करूँ तेरे दर पे मौला

फ़रियाद करूँ तेरे दर पे मौला आबिदा परवीन

फ़स्ल-ए-गुल है शराब पी लीजिए

फ़स्ल-ए-गुल है शराब पी लीजिए नुसरत फ़तेह अली ख़ान

फ़स्ल-ए-गुल है सजा है मय-ख़ाना

फ़स्ल-ए-गुल है सजा है मय-ख़ाना नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बनाई मुझ बे-नवा की बिगड़ी नसीब मेरा जगा दिया

बनाई मुझ बे-नवा की बिगड़ी नसीब मेरा जगा दिया नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बनायी मुझ बेनवा की बिगड़ी नसीब मेरा जगा दिया

बनायी मुझ बेनवा की बिगड़ी नसीब मेरा जगा दिया नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बलग़-अल-उ'ला बि-कमालिही

बलग़-अल-उ'ला बि-कमालिही आबिदा परवीन

मुझ को तेरी क़सम तुझ सा कोई नहीं

मुझ को तेरी क़सम तुझ सा कोई नहीं नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मुझे दीवाना मत समझो किसी की ख़ाक-ए-पा हूँ मैं

मुझे दीवाना मत समझो किसी की ख़ाक-ए-पा हूँ मैं नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मुझ में अब रंग सब तुम्हारा है

मुझ में अब रंग सब तुम्हारा है आबिदा परवीन

मन कुंतो मौला फ़-हाज़ा 'अली-मौला

मन कुंतो मौला फ़-हाज़ा 'अली-मौला आबिदा परवीन

मेरे मुश्किल-कुशा या 'अली या 'अली

मेरे मुश्किल-कुशा या 'अली या 'अली आबिदा परवीन

मेरे साबिर तेरी चौखट की क़सम खाता हूँ

मेरे साबिर तेरी चौखट की क़सम खाता हूँ नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मेरा ढोल माही मेरे मन का राजा

मेरा ढोल माही मेरे मन का राजा नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मेरी आँखों को बख़्शे हैं आँसू दिल को दाग़-ए-अलम दे गए हैं

मेरी आँखों को बख़्शे हैं आँसू दिल को दाग़-ए-अलम दे गए हैं नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मेरी तौबा मेरी तौबा

मेरी तौबा मेरी तौबा नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मेरी मैली गुदड़िया धो दे गंज-ए-शकर के लाल

मेरी मैली गुदड़िया धो दे गंज-ए-शकर के लाल मेराज अहमद निज़ामी

मेरी हाज़िरी करें क़ुबूल

मेरी हाज़िरी करें क़ुबूल आबिदा परवीन

मोरे ख़्वाजा तुम ही को मोरी लाज

मोरे ख़्वाजा तुम ही को मोरी लाज नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मौला-ए-कुल मौला-ए-कुल

मौला-ए-कुल मौला-ए-कुल आबिदा परवीन

या अय्युहल-मुज़म्मिलू ऐ मुर्सल-ए-पाकीज़ा ख़ूँ

या अय्युहल-मुज़म्मिलू ऐ मुर्सल-ए-पाकीज़ा ख़ूँ नुसरत फ़तेह अली ख़ान

या मुस्तफ़ा नूर-उल-हुदा सानी तिरा कोई नहीं

या मुस्तफ़ा नूर-उल-हुदा सानी तिरा कोई नहीं नुसरत फ़तेह अली ख़ान

रख लो मोरी लाज साबिर

रख लो मोरी लाज साबिर नुसरत फ़तेह अली ख़ान

रात की तीरगी से न मायूस हो रौशनी का सितारा नज़र आएगा

रात की तीरगी से न मायूस हो रौशनी का सितारा नज़र आएगा नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ला'ल शहबाज़ शाह की चादर सिंध के शहंशाह की चादर है

ला'ल शहबाज़ शाह की चादर सिंध के शहंशाह की चादर है आबिदा परवीन

शैख़-जी बैठ कर मय-कशों में तर्क-ए-मय का इरादा न करना

शैख़-जी बैठ कर मय-कशों में तर्क-ए-मय का इरादा न करना नुसरत फ़तेह अली ख़ान

शब-ए-फ़िराक़ की यारो कोई सहर भी है

शब-ए-फ़िराक़ की यारो कोई सहर भी है आबिदा परवीन

शम्सुज़्ज़हा बदरुद्दुजा तेरी बड़ी तौक़ीर है

शम्सुज़्ज़हा बदरुद्दुजा तेरी बड़ी तौक़ीर है नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सुन रे मोरे प्यारे सजना

सुन रे मोरे प्यारे सजना नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सब पे करम फ़रमाएँगे बाबा आज बिगड़ी बनाएँगे

सब पे करम फ़रमाएँगे बाबा आज बिगड़ी बनाएँगे नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सर जिस पे न झुक जाए उसे दर नहीं कहते

सर जिस पे न झुक जाए उसे दर नहीं कहते नुसरत फ़तेह अली ख़ान

साक़िया किस धूम से जारी है मय-ख़ाना तिरा

साक़िया किस धूम से जारी है मय-ख़ाना तिरा बख्शी सलामत

साक़ी-ए-बा-वफ़ा मनम दम हमा-दम 'अली 'अली

साक़ी-ए-बा-वफ़ा मनम दम हमा-दम 'अली 'अली आबिदा परवीन

सामने जब भी यार होता है

सामने जब भी यार होता है नुसरत फ़तेह अली ख़ान

है 'इबादत मिरी ना'त-ए-ख़ैरुल-वरा मुझ को दुनिया की पर्वा नहीं है

है 'इबादत मिरी ना'त-ए-ख़ैरुल-वरा मुझ को दुनिया की पर्वा नहीं है नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हज़ारों तमन्नाएँ होती हैं दिल में

हज़ारों तमन्नाएँ होती हैं दिल में नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हम ने दर-पर्दा तुझे माह-जबीं देख लिया

हम ने दर-पर्दा तुझे माह-जबीं देख लिया फरीद अयाज़

हर-सू 'अली 'अली है हर-जा 'अली 'अली है

हर-सू 'अली 'अली है हर-जा 'अली 'अली है आबिदा परवीन

हैरान हुआ हैरान हुआ

हैरान हुआ हैरान हुआ आबिदा परवीन

हश्र में कुछ मिले न मिले या नबी

हश्र में कुछ मिले न मिले या नबी नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हस्ती पे निखार आ जाता है जिस वक़्त वो सामने होते हैं

हस्ती पे निखार आ जाता है जिस वक़्त वो सामने होते हैं नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हुस्न वाले वफ़ा नहीं करते

हुस्न वाले वफ़ा नहीं करते नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हुस्न वाले वफ़ा नहीं करते

हुस्न वाले वफ़ा नहीं करते नुसरत फ़तेह अली ख़ान

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