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वासिफ़ अली वासिफ़

1929 - 1993 | लाहौर, पाकिस्तान

पाकिस्तान की मशहूर रुहानी शख़्सियत और मुमताज़ मुसन्निफ़

पाकिस्तान की मशहूर रुहानी शख़्सियत और मुमताज़ मुसन्निफ़

वासिफ़ अली वासिफ़

सूफ़ी उद्धरण 126

बेदार कर देने वाला ग़म ग़ाफ़िल कर देने वाली ख़ुशी से ब-दर्जहा बेहतर है।

बदी की तलाश हो तो अपने अंदर झाँको, नेकी की तमन्ना हो तो दूसरों में ढूंढ़ो।

लोग दोस्त को छोड़ देते हैं बहस को नहीं छोड़ते।

वो शख़्स अल्लाह को नहीं मानता जो अल्लाह का हुक्म नहीं मानता।

दिल से कड़वाहट निकालो... शांति मिलेगी।

कलाम 5

 

ग़ज़ल 8

शे'र 17

सलाम 1

 

ना'त-ओ-मनक़बत 12

बैत 1

 

वीडियो 5

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नुसरत फ़तेह अली ख़ान

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