सूफ़ी/संतों की सूची
सैंकड़ों सूफ़ी/संतों का चुनिंदा कलाम
अब्दुल क़ुद्दूस गंगोही
अफ़क़र मोहानी
मा’रूफ़ हिन्दुस्तानी शाइ’र और हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद
अहमद शाहजहाँपुरी
तौहीद-ओ-तसव्वुफ़ के शाइ’र
अकबर वारसी मेरठी
मीलाद-ए-अकबर के मुसन्निफ़ और ना’त गो-शाइ’र
अमीर मीनाई
दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।
अमीनुद्दीन वारसी
रुहानी शाइ’र और “वारिस बैकुंठ पठावन” के मुसन्निफ़
अमीर ख़ुसरौ
ख़्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया के चहेते मुरीद और फ़ारसी-ओ-उर्दू के पसंदीदा सूफ़ी शाइ’र, माहिर-ए-मौसीक़ी, उन्हें तूती-ए-हिंद भी कहा जाता है
आक़िल ख़ान राज़ी
बर्क़ देहलवी
दिल्ली की काव्य परम्परा के अंतिम दौर के शायरों में शामिल, अपने ड्रामे ‘कृष्ण अवतार’ के लिए प्रसिद्ध
बेनज़ीर शाह वारसी
हाजी वारिस अ’ली शाह के मुमताज़ मुरीद और वहीद इलाहाबादी शागिर्द-ए-रशीद
बू अली शाह क़लन्दर
मशहुर सूफ़ी बुज़ुर्ग बू-अ’ली शाह क़लंदर
बुल्ले शाह
पंजाब के मा’रूफ़ सूफ़ी शाइ’र जिनके अशआ’र से आज भी एक ख़ास रंग पैदा होता है और रूह को तस्कीन मिलती है
चंद्रभान कैफ़ी देहल्वी
क़ौमी, सामाजिक और देश की आज़ादी की भावना से समर्पित नज़्मों के लिए प्रसिद्धके. लम्बे अरसे तक उर्दू-फ़ारसी के उस्ताद रहे
दारा शिकोह
मुग़्लिय्या सल्तनत के बादशाह शाहजहाँ और मलिका मुमताज़ के बड़े साहिबज़ादे जिन्हों ने सूफ़ियाना रिवायत को मज़ीद जिला बख़्शी, उनके तअ’ल्लुक़ात सिखों के गुरुओं से निहायत ख़ुश-गवार थे
दाता साहिब
पाकिस्तान के मशहूर सूफ़ी और कश्फ़ुलमहजूब के मुसन्निफ़
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
सबसे प्रख्यात एवं प्रसिद्ध शायर. अपने क्रांतिकारी विचारों के कारण कई साल कारावास में रहे।
ग़ुलाम हमदानी मुसहफ़ी
18वीं सदी के बड़े शायरों में शामिल, मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन।
हकीम नासिर
मशहूर ग़ज़ल-गो शाइ’र और फ़लसफ़ी
इब्राहीम ज़ौक़
आख़िरी मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र के उस्ताद और राजकवि , मिर्ज़ा ग़ालिब से उनकी प्रतिद्वंदिता प्रसिद्ध है।
सूफ़ियाना शे’र कहने वाला एक आ’लमी शाइ’र और मुसन्निफ़
पंद्रहवीं सदी के एक सूफ़ी शाइ’र और संत जिन्हें भगत कबीर के नाम से भी जाना जाता है, कबीर अपने दोहे की वजह से काफ़ी मशहूर हैं, उन्हें भक्ति तहरीक का सबसे बड़ा शाइ’र होने का ए’ज़ाज़ हासिल है
ख़्वाजा बंदानवाज गेसूदराज़
सिलसिला-ए-चिश्तिया के अ’ज़ीम रहनुमा और दकन के मुम्ताज़ सूफ़ी
ख़्वाजा ग़रीब नवाज़
हिन्दुस्तान के मशहूर सूफ़ी जिन्हें ग़रीब-नवाज़ और सुलतानुल-हिंद भी कहा जाता है